कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम का चलन तेजी से बड़ा, इस तरकीब से न केवल लोगो का रोजगार जारी रहा बल्कि कारोबार जगत को भी काम करने में अर्चन नहीं आई साथ ही देश की अर्थवयवथा के लिहाज से भी महामारी के दौर में शुरू हुआ ये फार्मूला बेहद कामयाब साबित हुआ, ऐसे में वर्क फ्रॉम होम करने वाले को टैक्स के मामले में इस बार सरकार बजट में रियायत दे सकती है। दहसाल वर्क फ्रॉम होम की वजह से लोगो का इंटरनेट, फर्नीचर, मोबाइल, बिजली बिल खर्ज बड़ा है। वर्क फ्रॉम होम में अतिरिक्त खर्च बढ़ाने से भी स्टैण्डर्ड देडशन बढ़ाकर 1 लाख करने के आसार है। उद्योग जगत ने स्टैंड्रड डिडकशन समेत व्यक्तिगत टैक्स में छूट मांगी।
अनुमान है की सरकार बजट में नौकरी पेशा लिए मौजूदा स्टेंडशन देडशन देने को 30 से 40% तक बड़ा सकती है जानकारों का मानना है की स्टेंडशन देडशन को महगाई से जोड़ने की जरुरत है जो कई देश पहले से कर रहे है स्टेंडशन देडशन किस तरह से टैक्स बचाने में मददत करता है ये इस मिसाल के जरिए समझते है स्टेंडशन देडशन की सीमा 50 हज़ार या कुल सैलरी का सबसे कम हिस्सा जो मानी जाती है, अगर किसी नौकरी पेशा का कुल सालाना वेतन 5 लाख है तो उस 50 हज़ार का स्टेंडशन देडशन मिलेगा, यानी इसकी सीमा अगर बड़ा कर 1 लाख रूपये की जाती है तो फिर इस बार के बजट में टैक्स पेयर को राहत मिल सकती है।
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