कोरोना कल में भारतीय अर्थवयवथा में ग्रोथ लगाने के बाद जोरदार वापसी की है। इस तेजी का असर है की भारत अब दुनिया के दिकज अर्थवयवथा से आगे निकलने के लिए तैयार है आने वाले 8 वर्ष वर्ल्ड इकॉनमी में भारत के पोजीशन बदलने को तैयार है। IH market के मुताबित 2030 तक जापान को हराकर दुनिया की तीसरी अर्थवयवथा बनेगा भारत इस दौरान भारत की GDP जर्मनी और ब्रिटेन की अर्थवयवथा से भी ज्यादा हो जाएगी। 2030 तक भारत एशिया से आगे केवल अमेरिका और चीन ही रह जायेगे। फिलहाल भारत दुनिया की छूती अर्थवयवथा है। भारत GDP 2021me 2.7 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2030 तक 8.4 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है मोदी सरकार ने 2025 तक भारत के अर्थवयवथा को 5 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाने का लछ्य रखा था।
IHS मार्किट ने 2025 तक लछ्य पूरा होगा मुश्किल करार दिया। IHS के जिस मार्किट रिपोर्ट में कहा गया है भारत की इकॉनमी में माद्यम वर्ग का बड़ा रोले रहेगा। IHS मार्किट के मुताबित देश का खपत खर्च 2020 के 1.5 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2030 तक 3 ट्रिलियन डॉलर का अनुमान हो जायेगा। IHS मार्किट के मुताबित आने वाले वर्षो में इंफ्रास्कचर डेवलपमेंट के साथ साथ भारत में भरी सख्या में निवेश आएगा। साथ ही भारत का घेरलू उपभोक्ता बाजार भी तेजी से बढ़ेगा जिसके वजह से बड़ी सख्या में मल्टीनेशनल कंपनियों भारत का रुख करेंगे। इसके साथ ही रिपोर्ट में भारत हो रहे डिजिटल बदलाव की तारीफ़ की गई और इसकी वजह से ई कॉमर्स में काफी तेजी से विकास की सम्भावना भी जताई गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है की अगले 10 साल में भारत का उपभोक्ता बाजार पूरी बदल जाएगी 2030 तक भारत में 1 अरब 1 करोड़ इंटरनेट यूजर होंगे जो 2020 के 50 करोड़ इंटरनेट यूजर से दोगुना से ज्यादा होगा।
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