दुनिया भर में सेमिकंडक्टर संकट से टेक समेत कई कंपनियां परेशान है चिप की कमी से इलेक्ट्रिक, ऑटो, एयर कंडिएशन से लेकर कई इंडस्ट्री पर असर हुआ है लेकिन भारत में अभी ये संकट बहोत जल्दी ख़तम होने वाला है इसके बाद कारो की लंबी वेटिंग घट सकती है इसके बाद कारो में भी कमी आ सकती है। 5 कम्पनियाँ ने चिप बनाने के लिए 1.53 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव दिए है। वेदांता, फॉक्सकॉन IGSS वेंचर, ISMC ने चिप बनाने का प्रस्ताव दिया है इन चिप का इस्तेमाल 5G डिवाइस इलेक्ट्रिक कारो समेत कई और सामान बनाने के लिए किया जायेगा। वही इन कंपनियों ने सरकार से सेमिकंडक्टर इंडिया प्रोग्रमम के तहत 5.6 अरब डॉलर की मददत भी मांगी है। इलेक्ट्रॉनिक एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय के मुताबित सेमिकंडक्टर और डिस्प्ले मैनुफैक्टरिंग बनाने के लिए अच्छा रिस्पांस मिला है।
वेदांता एलेस्ट ने डिस्प्ले फैब बनाने के लिए 6.7 बिलियन डॉलर का प्रस्ताव दिया है। इसे के लिए सरकार 2.7 बिलियन डॉलर के प्रोत्साहन की मददत मांगी है। जानकारों का मानना है की अब इस योजना के तहत तेज रफ़्तार पकड़ने की उम्मीद है, जिससे भारत सेमिकंडक्टर के मामले में आत्मनिर्भर बन सकता है और विदेशो को भी इसकी सप्लाई की जा सकती है।
कोरोना काल में सेमिकंडक्टर के प्रॉडकशन में कमी आने से कई कार कमापनियों को उत्पादन घटाना पड़ा, इससे उभरने को के लिए दछिण एशिया देशो ने सेमिकंडक्टर मार्किट में 2020 में 15 अरब डॉलर का निवेश किया है इसके साथ ही 2026 तक इस मार्किट के 63 अरब डॉलर होने का अनुमान है।
भारत में चिप बनाने से गाड़ियों की मिलने की वेटिंग पीरियड में कमी आएगी वही चिप का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक कार और 5G डिवाइस बनाने के लिए भी होगा, जिससे इन्हे चिप समय पर मिलेगी। देश में चिप बनाने से कई तरह की टैक्स रीयते मिलेगी, जिससे कम कीमत में ऑटो कंपनियों को चिप मिल सकेगी।
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