पेट्रोल, डीज़ल कीमतों में लम्बे समय से कोई बदलाव नहीं हुआ न यहाँ दाम घटे है न ही इसमें कमी आई हालांकि दिसंबर में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट को देखते हुए अब तक पेट्रोल और डीज़ल के दाम के कमी हो जानी चाहिए थी। नवंबर में 80.64 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए। इस हिसाब से पेट्रोल 7 रुपया लीटर तेल घट जाना चाहिए था। Omicron के असर से बदलते अंतर्राट्रीय घटना कमी के कच्चे तेलों को कीमत पर बदलाव डाला है। ऐसे में डैम का मौका आया तो सरकारी कंपनियों लोगो को रहत देने की वजह अपनी जेब भरने का काम किया। जानकारों का मानना है की डैम बढ़ने का फैसला कंपनियों कर सकती है तो घटना के वक्त वो क्यों चुप हो जाती है अगस्त में कच्चा तेल 3.74 डीलर लीटर महगा हुआ नवंबर में कच्चे तेल की कीमतों में कमी के बावजूद पेट्रोल के डैम बढ़ते चले गए। पेट्रोल की कीमतों में आखिर कटौती 5 सितम्बर को महज 15 पैसा की थी। IOCL , BPCL ,HPCL का जुलाई सेप्टेंबर महीनो का मुनाफा 20 गुना बड़ा है। IOCL का मुनाफा जुलाई सेप्टेंबर 2021 में मुनाफा बढ़कर 8370 करोड़ रुपया हुआ यानी आम आदमी को महगाई का करंट लगाने में तेल कंपनियों भी पीछे नहीं है अब देखना यही है की फिरसे 5 राज्यों के चुनाव से पहले कीमतों में ये कमी का तोहफा आम आदमी को मिलेगा या नहीं।
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