भारत के पड़ोसी देश चाल बाघ चीन के कर्ज के जाल में श्रीलंका बुरी तरह से फँस चला है। जानकारी के अनुसार हालत नहीं सुधरे तो श्रीलंका ऐसी परिस्थि में 2022 इसी साल में ये देश दिवालिया हो सकता है। लेकिन श्रीलंका के ऐसे हालत कैसे हो गए क्या इसमें चीन का हाथ है या फिर कुछ और कारण जिम्मेदार है और कैसे है वहां के लोगो की इस्तिथि सबसे पहले ये बताते दे की चीन का नाम वाक्यों में क्यों आ रही है दरअसल श्रीलंका के ऊपर 5 अरब डॉलर कर्ज का बोझ है। चीन से लिए गए बोझ में दबे श्रीलंका की वित्तीय हालत खराब होती जा रही है फिलहाल इस्तिथि ऐसी है की जरुरी खाद्यान कीमती भी तेज गति से बढ़ती जा रही है और सरकारी खजाना खाली होता जा रहा है श्रीलंका मौजूत वित्तीय हालत को अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है विश्व बैंक की मने तो कोरोना के शुरुवात के बाद के अभी तक यहाँ 5 लाख लोग गरीबी के दल दल में फंसे है अकेले चीन के कर्ज के जाल श्रीलंका के लिए नहीं है और कई कारण पीछे बताये जा रहे है।
मिडिया रिपोर्ट के मुताबित कोरोना वायरस की वजह से देश का टूरिज्म बर्बाद होता जा रहा है। श्रीलंका की कुल GDP में टूरिज्म का 10% होता है लेकिन महामारी के कारण आम आदमी से लेकर सरकार की आय के प्रमुख स्रोत पर बुरा असर डाला है। श्रीलंका के टूरिजम सेक्टर पर लगी रोक से 2 लाख लोगो बेरोजगार हुए। इसके आलावा सरकारी खर्च में विधि और TAX कटौती ने देश संकट भावयक बना दिया है वहां श्रीलंका के ऊपर चीन का 5 अरब डॉलर का कर्ज जिसे लौटना ये देश की इस्थिति खराब होती जा रहे है इतना ही नहीं देश विदेश मुर्दा भंडार 10 साल में वित्य हालत अंदाजा स्तर जा पंहुचा है देश के वित्य हालत अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है अलग अलग तरह के भुगतान के लिए सरकार को करेन्सी छापनी पढ़ रही है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो ये साल मुसीबतो साल हो सकता है श्रीलंका के लिए।
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